प्रवृत्ति में संबंधों के प्रकार
प्रवृत्ति (reinforcement) एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है जिसका उद्देश्य व्यवहार को बढ़ावा देना या नियंत्रित करना है। यह सिद्धांत इस बात पर केंद्रित है कि किस प्रकार के संबंधों का उपयोग किया जा सकता है ताकि लोगों में इच्छित व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सके। इस लेख में, हम प्रवृत्ति के विभिन्न प्रकार के संबंधों (ties) पर चर्चा करेंगे, जो व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।
1. सकारात्मक प्रवृत्ति (Positive Reinforcement)
सकारात्मक प्रवृत्ति का तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति को उसके अच्छे व्यवहार के लिए पुरस्कार दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई छात्र अपनी पढ़ाई में अच्छा करता है तो उसे उसकी मेहनत के लिए पुरस्कार, जैसे कि ग्रेड या प्रशंसा, दी जाती है। यह संबंध व्यक्ति को यह सिखाता है कि अच्छा व्यवहार करने पर उसे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, जिससे वह उसमें वृद्धि करेगा।
2. नकारात्मक प्रवृत्ति (Negative Reinforcement)
नकारात्मक प्रवृत्ति में, किसी अवांछनीय स्थिति को समाप्त करने का प्रयास किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चा कराबो काटता है और उसके माता-पिता उसे डांटते हैं, तो बच्चा अगली बार ऐसा करने से बच सकता है। यहाँ नकारात्मक प्रवृत्ति का उद्देश्य व्यक्ति को एक अवांछनीय स्थिति से बाहर निकालना है, ताकि वह भविष्य में ऐसा न करें।
3. सकारात्मक दंड (Positive Punishment)
पॉजिटिव पनिशमेंट का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के अवांछनीय व्यवहार के लिए उसे कोई दंड दिया जाता है। जैसे, अगर कोई छात्र कक्षा में शोर मचाता है, तो उसे शिक्षक द्वारा डांटा जाता है। यह संबंध व्यक्ति को यह सिखाता है कि अपेक्षित व्यवहार का पालन न करने पर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
4. नकारात्मक दंड (Negative Punishment)
नकारात्मक दंड में, एक सकारात्मक तत्व को हटा दिया जाता है जिससे व्यक्ति को दंडित किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर बच्चों को उनकी पसंदीदा टीवी शो देखने से मना किया जाता है जब वे अपना होमवर्क नहीं करते हैं। यह देखने से, बच्चे यह समझ सकते हैं कि अगर वे अच्छे व्यवहार नहीं करेंगे, तो उन्हें अपने पसंदीदा चीजों से वंचित होना पड़ेगा।
5. निरंतर प्रवृत्ति (Continuous Reinforcement)
इस प्रकार की प्रवृत्ति में, हर बार जब व्यक्ति अच्छा व्यवहार करता है, तो उसे पुरस्कार दिया जाता है। इससे व्यक्ति को तुरंत और नियमित रूप से सकारात्मक फीडबैक मिलता है, जिससे वह अपने व्यवहार को बनाए रखने के लिए प्रेरित होता है।
6. आंशिक प्रवृत्ति (Partial Reinforcement)
आंशिक प्रवृत्ति में, व्यक्ति को पुरस्कार केवल कुछ बार दिया जाता है। यह अधिक प्रभावी हो सकता है क्योंकि व्यक्ति अपेक्षा करता है कि अगर वह अच्छे व्यवहार को जारी रखेगा, तो उसे कभी-कभार पुरस्कार मिल सकता है। इसे व्यवहार में स्थिरता और दीर्घकालिकता लाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष
प्रवृत्ति के संबंधों के प्रकार एक व्यवहारात्मक ढांचे के रूप में कार्य करते हैं जो व्यक्ति के निर्णयों और क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक और नकारात्मक प्रवृत्तियाँ, साथ ही दंड, सभी व्यक्ति द्वारा अपनाए जाने वाले व्यावहारिक रणनीतियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। सही प्रवृत्ति के माध्यम से, लोग अपने व्यवहार में सुधार कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर हो सकते हैं। मनोविज्ञान के इस क्षेत्र में शोध से यह स्पष्ट होता है कि व्यवहार के नियंत्रण में प्रवृत्ति का अत्यधिक महत्व है और इसे समझना आवश्यक है।